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Kavita Kosh से
जो जिन्दगी जीना नहीं जानता है
खूबसूरत लड़कियाँ बनियों के लिए<br> नहीं होतीं हैं<br> और बौद्धिकों के लिए तो बनिया<br>
बात करने के काबिल भी नहीं
बनिया होने के माने हैं<br> जिन्दगी ढोना<br> कोई बाप सीधा रुख नहीं करता है<br> बनियों की तरफ़<br> क्लर्कों के बाद आती है बनियों<br>
की औकात
बनिया होने के माने हैं<br> अयोग्य होना<br>
प्रगतिशीलों के लिए अछूत
मैं बनिया हूं और कविता लिखता हूँ .