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पाप-पुण्य / राजेश जोशी

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'''पाप और पुण्य'''{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=राजेश जोशी}}[[Category:कविता]]
कहा जाता है<br\>
कि जीवन भर पुण्य करने पर ही<br\>
मिलता है स्वर्ग<br\>
और स्वर्ग में तो<br\>
पाप करने का सवाल ही नहीं
इस तरह पाप के सुख से<br\>
वंचित रह जाता है<br\>
स्वर्ग का आदमी.
० मई १९९०