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<poem> '''अब के बरस भी'''
लब<ref>होंठ</ref> तिश्न-ओ-नोमीद<ref>प्यासा और निराश</ref> हैं हम अब के बरस भी
ऐ ठहरे हुए अब्रे-करम<ref>दया के बादल</ref> अब के बरस भी