गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
प्रार्थना (आत्मा की आँखें) / डी० एच० लारेंस
129 bytes added
,
15:36, 26 मार्च 2010
क्योंकि सूरज काल हो गया है ।
उसका चेहर शेर के समान लाल हो गया है ।
'''अंग्रेज़ी भाषा से अनुवाद : रामधारी सिंह 'दिनकर''''
</poem>
Himanshu
916
edits