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Kavita Kosh से
सामने पा सकती हूँ, अगर सामने कुछ हो
अगर सामने रहे, सामने थोड़ा बहुत
अगर सामने एक-दो पत्ठर पत्थर मिलें
तो मैं पत्थर में पत्थर से ही जला दूंगी आग।