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{{KKRachna
|रचनाकार=ग़ालिब
|संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
सुर्मा-ए-हफ़्तमुफ़्त-ए-नज़र<ref>सात चीज़ें (सब कुछ) देखने वाला बिन खर्चे का सुरमा</ref> हूँ, मेरी क़ीमत ये है
कि रहे चश्म-ए-ख़रीदार<ref>ख़रीदार की आँख</ref> पे एहसां मेरा
हसरत-ए नशा-ए वहशत न ब सअई<ref>सहायता</ref>-ए दिल है
फ़हम<ref>समझ</ref> ज़न्जीरी-ए-बेरबती-ए दिल है या रब