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नया पृष्ठ: मेरे बाप को मरे इस दिन चार साल हो गये<br /> <br /> बाप <br /> पियक्कड़ मजदूर<br …
मेरे बाप को मरे इस दिन चार साल हो गये<br />
<br />
बाप <br />
पियक्कड़ मजदूर<br />
मॉं को लातें मारता<br />
<br />
शराब की महक के साथ<br />
गालियॉं होंठों से निकलतीं<br />
गोलियों की बौछार सी<br />
<br />
जहॉं मर्जी मूत देता<br />
कभी-कभी<br />
सारी-सारी रात<br />
जगे रहते हम<br />
<br />
मजदूर बाप मेरा<br />
शहर के गन्दे नालों सा सच<br />
थप्पड़ मार-मार कोशिश की<br />
मैं पढ़ूं <br />
बन जाऊं साहबों सा पैसे वाला<br />
गन्दगी ने बनाया मुझे<br />
खौलता सच्चा इंसान.<br />
<br />
<br />
बाप <br />
पियक्कड़ मजदूर<br />
मॉं को लातें मारता<br />
<br />
शराब की महक के साथ<br />
गालियॉं होंठों से निकलतीं<br />
गोलियों की बौछार सी<br />
<br />
जहॉं मर्जी मूत देता<br />
कभी-कभी<br />
सारी-सारी रात<br />
जगे रहते हम<br />
<br />
मजदूर बाप मेरा<br />
शहर के गन्दे नालों सा सच<br />
थप्पड़ मार-मार कोशिश की<br />
मैं पढ़ूं <br />
बन जाऊं साहबों सा पैसे वाला<br />
गन्दगी ने बनाया मुझे<br />
खौलता सच्चा इंसान.<br />
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