भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बीता हुआ दिन / शरद कोकास

No change in size, 21:25, 12 मई 2010
<poem>
कल का जो दिन बीता
बिगड़ी हुई मशीन -सा था
कल कितनी प्रतीक्षा थी
हवाओं में फैले गीतों की
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,730
edits