भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विष्णु नागर |संग्रह=घर से बाहर घर / विष्णु नागर }} <…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विष्णु नागर
|संग्रह=घर से बाहर घर / विष्णु नागर
}}
<poem>
किसी और से
किसी और ही भाषा में
कुछ और ही कहा जा रहा था

और मैं समझ रहा था
मुझसे मेरी भाषा में मेरी बात की जा रही है
और जितना इसे मैं समझ रहा हूँ
शायद ही कोई और समझ रहा होगा!
778
edits