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Kavita Kosh से
रहें टूटती रूढियां सब पुरातन
तभी हो सके शाश्वत सत्य होगा स्थापित
सकल जग सभासद असल नृप निरंजन
करेगा प्रलय काल प्रस्ताव पारित
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