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|रचनाकार=गौतम राजरिशी
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जब छेड़ा मुजरिम का किस्सा
चर्चित था हाकिम का किस्सा

जलती शब भर आँधी में जो
लिख उस लौ मद्‍धिम का किस्सा

सुन लो सुन लो पूरब वालों
सूरज से पश्‍चिम का किस्सा

छोड़ो तो पिंजरे का पंछी
गायेगा जालिम का किस्सा

जलती बस्ती की गलियों से
सुन हिंदू-मुस्लिम का किस्सा

बूढ़े मालिक का शव बोले
दुनिया से खादिम का किस्सा

कहती हैं बारिश की बूंदें
सुन लो तुम रिमझिम का किस्सा
</poem>