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'''केंचुआ'''
केंचुआ पैदाइशी अंधा नहीं होता --वह भीरु होता है,
कुछ बेहतर कर गुजरने की चाह में
सिर टकरा-टकराकर
एक उपजाऊ व्यवस्था का
क्या सचमुच केंचुआ बनने का
दमखम है हममें,
नि:संदेह ! केंचुआ बनने के लिएहमें अपने भौतिक-अभौतिक अस्तित्त्व को खंगालना होगा,खुद को एक परिशोधन-शाला बनाना होगा.