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13:54, 22 अगस्त 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
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<poem>
किसी भी इंसान से प्रेम करो
या मत करो
मगर नफ़रत तो बिल्कुल मत करो
नफ़रत करो
सिर्फ़ शोषक से
शोषणकारी विचारों के पोषक से
2009
<poem>