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{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
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<poem>

किसी भी इंसान से प्रेम करो
या मत करो
मगर नफ़रत तो बिल्कुल मत करो

नफ़रत करो
सिर्फ़ शोषक से
शोषणकारी विचारों के पोषक से
2009


<poem>
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