भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सफ़र कर न सका / इक़बाल

No change in size, 08:43, 16 सितम्बर 2010
जिसने सूरज की शुआओं<ref>किरणों</ref> को गिरफ़्तार किया
ज़िन्दगी की शबे-तारीक<ref>अँधेरी रातसहन कर न सकारात</ref>सहन कर न सका
</poem>
{{KKMeaning}}