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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
धूप बहुत है मौसम जल-थल भेजो ननाबाबा मेरे नाम का बादल भेजो न ना
मोल्सरी की शाख़ों पर भी दिये जलें
शाख़ों का केसरया आँचल भेजो न ना
नन्ही मुन्नी सब चेहकारें कहाँ गईं