भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: <poem>एक रात का खंडित स्वप्न हैं या दिन का टूटा विश्वास हैं हम । क्या प…
<poem>एक रात का खंडित स्वप्न हैं या दिन का टूटा विश्वास हैं हम ।
क्या पूछते हो क्या बतलाएं, एक भूला हुआ इतिहास हैं हम।
हमें दिल से जरा महसूस करो, एक दर्द भरा एहसास हैं हम।
कभी एक समंदर थे लेकिन, अब रेगिस्तान की प्यास हैं हम।</poem>
162
edits