भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
67 bytes removed,
04:31, 1 दिसम्बर 2010
|भाषा=खड़ी बोली
}}
'''बिदाई गीत -2<brpoem>'''पिताजी काहे को ब्याही परदेस…<br>हम तो पिताजी थारे झाम्बे की चिड़िया<br>डळा मारै उड़ जाएँ , <br>काहे को ब्याही परदेस…<br>हम तो पिताजी थारे खूँटे की गउँवाँ<br>जिधर हाँको हँक जाएँ , <br>काहे को ब्याही परदेस…<br>हम तो पिताजी थारे कमरे ईंटें, <br>जिधर चिणों चिण जाएँ, <br>काहे को ब्याही परदेस…<br/poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader