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{{KKRachna
|रचनाकार=शिवराज भारतीय
|संग्रह=रंग लुटाती वर्षा आई -रंगीलो म्हारो देस / शिवराज भारतीय
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[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
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ढम-ढमा-ढम बाजै ढोल
नाचै सगळा टाबर टोल
बबलू गबलू गोलू नाचै
पिंकी धापू गीत सुणावै
टाबर सगळा ताळी पीटै
बोल रामूड़ा थूं भी बोल
ढम-ढमा-ढम बाजै ढोल
नाचै सगळा टाबर टोल
तीज त्युंहारां मिंदर मेड़ी
ब्याव बनौरै बाजै ढोल।
मेळां-ठेळां री रंगत नै
बाज-बाज बधावै ढोल
ढम-ढमा-ढम बाजै ढोल
नाचै सगळा टाबर टोल
</Poem>