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वे / रमेश रंजक
Kavita Kosh से
एक हाथ में विरोध-पत्र
और दूसरे में समर्थन लिए हुए
जो गुज़रे हैं—
खरे उतरे हैं
ना और हाँ में
जिन्होंने अपने सिरों को हिलाकर
अक्षांश और देशान्तर
रेखाएँ खींची हैं
उनके सिर ग्लोब हो गए हैं
आज वे सबसे बड़े हैं ।