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वो तुम्हें गर जुबान दे देगा / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
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वो तुम्हें गर जुबांन दे देगा ।
ये भी तय है कि जान दे देगा ।
यूँ तो रहता है वो फ़कीराना,
पर वो दोनों जहान दे देगा ।
वो है ईसा सलीब चढ़ कर भी,
अपना हर इम्तिहान दे देगा ।
सिर्फ़ छूएगा तुमको हँस कर वो,
उम्र भर के निशान दे देगा ।
पंख ख़ुद ही जुटाएँगे पंछी,
वो तो बस आसमान दे देगा ।
उसके हाथों में ऐसा जादू है,
पत्थरों को उड़ान दे देगा ।
फ़ैसला हाथ में है नाज़िम के,
वो गवाह है बयान दे देगा ।