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सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
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सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
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जन्म | 16 मई 1958 |
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जन्म स्थान | अजमेर, राजस्थान, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी / परिचय |
प्रतिनिधि रचनाएँ
- यूँ तो फितरत पाई है दीवाने की, / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- घण्टों मुझसे बतियाता है रात गए / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- मेरी सूनी ज़िन्दगी में सुख कभी आया तो था / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- अपने ख़ुदा से जब-जब भी हम अपना मुक़द्दर माँगेंगे / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- बहते दरिया में किसी दिन वो बहा देगा मुझे / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- कुछ दूर तक तो साथ कज़ा ले गई मुझे / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- कहाँ कटी थी रात, पूछने आया है / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- वो तुम्हें गर जुबान दे देगा / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- वो देखने में बेवफ़ा लगता तो नहीं है / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- जिन्दगी दर्द की इक लम्बी सज़ा लगती है / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- जब परिन्दा उड़ान बदलेगा / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- ज़िन्दगी में बस यही इक सिलसिला बदला नहीं / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- नज़रों ने जितने दिखलाए सारे मंज़र रख आया हूँ / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- ये तो अच्छा है आसमां भी नहीं / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- बताऊँ किस तरह मैं मुझसे क्या-क्या पूछता है / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- बेशर्मी से तान के सीना हँसते हैं / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- क़िस्मत मुझसे कहीं ख़फ़ा न हो जाए / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- वो समन्दर मुझे दिखाता है / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- क्यूँ इतना हैरान दिखाई देता है / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- ढह गया वो घर जिसे पुख़्ता समझ बैठे थे हम / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- जनाज़ा किसी का उठा ही नहीं है / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- सारे दर्द उठा के रख लूँ / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- ख़्वाबों की भीड़ से कई सालों से दूर हूँ / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- ना तो मैं हूँ, ना ही मेरी परछाई है / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- छाँव में बैठ के शाख़ों से शरारत करना / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- ख़ुद को कितनी दूर उड़ाया करते हैं / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- मुझको तेरे नूर का हिस्सा कहते हैं / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- तुझसे जुदा हो जाना उलझन जैसा है / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
- चढ़ ना सका था दरिया अभी रवानी में / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी