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सारे दर्द उठा के रख लूँ / सूफ़ी सुरेन्द्र चतुर्वेदी
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सारे दर्द उठा के रख लूँ ।
ख़ुद में तुझे छिपा के रख लूँ ।
ख़िदमत से मिलती है दुआएँ,
मैं ये दौलत कमा के रख लूँ ।
कभी तो थक के लौटेगा तू,
आ कुछ साँसे बचा के रख लूँ ।
कड़ी धूप में काम आएँगे,
ख़्वाब सुहाने सजा के रख लूँ ।
तुझे दिखाने होंगे इक दिन,
साथ में मोती वफ़ा के रख लूँ ।
गर तेरी ख्वाहिश बन जाऊँ,
मैं हर ख्वाहिश दबा के रख लूँ ।
देख के तुझको जी करता है,
तुझको तुझसे चुरा के रख लूँ ।