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शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया आप का / अजय अज्ञात
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शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया आप का
हम पे रहमो करम जो हुआ आपका
आ दरे फैज पर ये तजुर्बा हुआ
आप उस के हुए जो हुआ आप का
आप की रहनुमाई में बढ़ते रहें
हर कदम पर मिले मश्विरा आप का
नूर भरते रहो लेखनी में मेरी
हाथ सर पर रहे मुस्तफा आप का
बेसहारा हैं जो भी भटकते यहाँ
उन सभी को मिले आसरा आप का