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सपने अलग-अलग जात के / सुनो तथागत / कुमार रवींद्र
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हाँ, भाई
सपने भी
होते हैं अलग-अलग जात के
कुछ सपने होते हैं
बच्चों की जात के -
भोले-निर्दोष-हठी
देह-साँस होती है
हाँ, उनकी
स्वस्थ और पुष्ट-गठी
संवाहक होते हैं
वे, भाई, हर मीठी बात के
सूरज की जात के
कुछ सपने
उजियाले लाते हैं
कुछ सपने छली बड़े
जंगल में
अक्सर भटकाते हैं
होते हैं हम शिकार
उनके सँग उलटे हालात के
कुछ सपने
जात के अशुद्ध बड़े
धूप-छाँव दोनों ही करते हैं
बूढ़े कुछ सपने हैं
जो सपने लेने की बात तक
करने से डरते हैं
कुछ होते देवपुत्र
कुछ सपने हैं बेटे रात के