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सबके चेहरे पर हँसी - मुस्कान लाती कामवाली / डी. एम. मिश्र

सबके चेहरे पर हँसी - मुस्कान लाती कामवाली
घर रूका रहता है जब तक आ न जाती कामवाली

इतने कम पैसों में, इतने काम, ऐसे काम करती
फिर भी उफ तक भी न करती मुस्कराती कामवाली

पूरे घर की फर्श को चमका के कर दे आइना - सी
एक खाँची जूठे बरतन धो के जाती कामवाली

गर कभी मुश्किल में हो या आ न पाये काम पर
तो उसे ताने मिलें नखरे दिखाती काम वाली

उसके जीवन में न संडे हो, न हो अवकाश कोई
सोचिये कितनी कठिन ड्यूटी बजाती कामवाली

एक घर से दूसरे, फिर तीसरे, फिर और कितने
सुबह से ले शाम तक चक्कर लगाती कामवाली