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समय बदलता रहे करवटें कभी नहीं बदलेगी सोच / रंजना वर्मा

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समय बदलता रहे करवटें, कभी नहीं बदलेगी सोच।
रोते हँसते मरते जीते, हर पल साथ रहेगी सोच॥

जीवन गहरी एक समस्या, करते सुलझाने की भूल
इसको हल्की गहरी कैसी, कब सुलझा पायेगी सोच॥

सुख दुख सिक्के के दो पहलू, नित-नित बदला करते रंग
सुख में हँसते दुख में रोते, कब अपनी बदलेगी सोच॥

पर उपकार करें यदि हर क्षण, बढ़ जाये जन-जन से प्यार
सच्चा मार्ग दिखा कर हम को, सत्पथ ले जायेगी सोच॥

बंटवारे की बात न करना, बंटवारा करता कमजोर
साथ रहें तो अपनेपन की, खुशबू बन महकेगी सोच॥

सीमाओं की रक्षा हित जो, कर देते प्राणों को होम
ऐसे अमर शहीदों के नित, सम्मुख झुका करेगी सोच॥

परम पिता ने पंच तत्व से, किया सृजित अनुपम संसार
क्षति न कभी भी पहुँचे इसको, हो विकसित निखरेगी सोच॥