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समुद सुगन्धित सुमन लै / हनुमानप्रसाद पोद्दार

समुद सुगन्धित सुमन लै सुमन सु-भक्ति सु-धार।
पुष्पाञ्जलि अर्पण करूँ देव! करो स्वीकार॥