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सलवटों वाला चेहरा / वाज़दा ख़ान

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सलवटों से भरा एक चेहरा
संभाल के रखा है
संदूकची में
जिसे गाहे-बगाहे पहन लेता हूं.
एक चेहरा और है मेरे पास
उसमें भी लकीरें हैं
मगर वो स्वाभाविक है,
दरअसल
यही मेरा असली चेहरा है.
सलवटों को तो
मैं कभी-कभी ओढ़ लेता हूं
वक्त की जरूरतों के
हिसाब से.