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साँवरे नैना मिला कर के गये हो / रंजना वर्मा

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सांवरे नैना मिला कर के गये हो।
प्यार का जादू चला कर के गये हो॥

लोग कहते हैं तुम्हें चितचोर कान्हा
तुम हमारा दिल चुरा करके गये हो॥

एक पल नजरें मिली दिल हार बैठे
जब जरा-सा मुस्कुरा कर के गये हो॥

नैन कालिंदी उमड़ कर बह रही है
तीर पर गउएँ चरा कर के गये हो॥

है श्रवण में गूँजती अब तक वही धुन
मन-विपिन में जो बजा कर के गये हो॥

है अँधेरा अब नहीं भयभीत करता
ज्योति अंतस की जला कर के गये हो॥

मोह माया अब भला क्या बाँध पाये
रूह सोयी थी जगा कर के गये हो॥