भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सियासी उलट बाँसी / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

पानी बिच मीन पियासी
खेतों में भूख उदासी
यह उलट बाँसियाँ नहीं कबीरा, खालिस चाल सियासी

पानी बिच मीन पियासी
लोहे का सर पाँव काठ के
बीस बरस में हुए साठ के
मेरे ग्राम निवासी कबीरा, झोपड़पट्टी वासी

पानी बिच मीन पियासी
सोया बच्चा गाए लोरी
पहरेदार करे है चोरी
जुर्म करे है न्याय निवारण, न्याय चढ़े है फाँसी

पानी बिच मीन पियासी
बंगले में जंगला लग जाए
जंगल में बंगला लग जाए
वन बिल ऐसा लागू होगा, मरे भले वनवासी

पानी बिच मीन पियासी
जो कमाय सो रहे फकीरा
बैठे–ठाले भरें जखीरा
भेद यही गहरा है कबीरा, दीखे बात ज़रा-सी

पानी बिच मीन पियासी