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गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
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गिरीश चंद्र तिबाडी
जन्म | 09 सितंबर 1945 |
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निधन | 22 अगस्त 2010 |
उपनाम | 'गिर्दा' |
जन्म स्थान | ज्योली हवालबाग गाँव, अल्मोड़ा, उत्तराखंड, भारत । |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
इन्हें कुमाउ में जनकवि माना जाता है । | |
जीवन परिचय | |
गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा' / परिचय |
- गले का हार वंदे मातरम / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा' (हिंदी भावानुवाद)
- गलहार बन्देमातरम् / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा' (मूल कुमाउनी कविता)
- इसे छोड़ कहां जाएंगें हम / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा' (हिंदी भावानुवाद)
- कां जूंला यैकन छाड़ी / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा' (मूल कुमाउनी कविता)
- कैसे कह दूँ, इन सालों में / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- चुनावी रंगे की रंगतै न्यारी / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- मोरि कोसि हरै गे कोसि / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- क्या करें? / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- है किसका अधिकार नदी पर / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- चुनावी रंग / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- सियासी उलट बाँसी / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- इस व्योपारी को प्यास बहुत है / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- जैंता एक दिन तो आएगा / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- मेरी बारी, मेरी बारी, मेरी बारी / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- युवाओं के नाम / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- पानी बिन जमीन प्यासी, खेतों में भूख उदासी / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- पहाड़ की याद / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- जहाँ न बस्ता कंधा तोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- पहाड़ी गाँव की एक मनमोहक शाम / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- हाउ पानिक पिन / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'
- वक़्त का सिलसिला यों ही चलता रहा / गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा'