भाई, मानें
यही आखिरी सूरज है
इसके बाद
अँधेरे होंगे घर-घर में
ढल जायेंगे सारे रितु-पल
पत्थर में
धूप आज की
बस कुछ क्षण का अचरज है
कल जो पीढ़ी आएगी
अंधी होगी
एक अँधेरी घाटी में
बंदी होगी
भाई, अभी भी
देखें, सूरज अन्त्यज है
दूर देश के अँधियारे
अच्छे लगते
सुंदर लगते हैं जुगनू
जलते-बुझते
अगले युग का
सूरज इनका वंशज है