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सोच जिसकी महान होती है / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
सोच जिसकी महान होती है।
वो कहानी बयान होती है॥
नेक नीयत कभी नहीं छुपती
वो भले बेजुबान होती है॥
हैं निगाहें टिकीं बुलन्दी पर
वो ज़मीं आसमान होती है॥
हो निशाने पर आसमाँ जिस के
खूब ऊँची उड़ान होती है॥
देश हित जान गंवा देता जो
उसकी माता महान होती है॥
मोड़ देता है वक्त की धारा
जिसके हाथों में जान होती है॥
कोशिशें हों अगर खुदाई भी
खुद ब खुद मेहरबान होती है॥