हमारा देश कल्पनाओं का निचोड़ है / देवेन्द्र आर्य
कल्पना कीजिए कि तीसरी लहर आ गई है
उज्ज्वला सिलेण्डर आक्सीजन से भरे हैं
अनुलोम विलोम को स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया है
कल्पना कीजिए
सोलहलखा सूट के सामने हवाई चप्पल विपक्ष है
काशी के बाद अगला क्योटो गोरक्षनगरी है
राप्ती शव वाहिनी के रुप में पंजीकृत हो चुकी है
कल्पना उलट दीजिए और कल्पना कीजिए
किसान आन्दोलन के जाम में तीसरी लहर फँस गई
दीदी पी.एम. और योगी लोकसभा अध्यक्ष
राहुल राजनाथ और गडकरी ने नई पार्टी बना ली
तो उससे ख़तरा हिन्दुत्व को होगा
या टुकड़े टुकड़े गैंग को
कल्पना ही करनी है तो कीजिए
हम विश्व गुरु बन चुके हैं और संसद को राष्ट्रीय संग्रहालय बना दिया गया है
कबीर और गोरख के साथ अम्बेडकर विमर्श रत हैं
संविधान गोबर से लीपा जा रहा है
करने में क्या ख़र्च है
कल्पना कीजिए कि कवि श्रीकान्त के ख़ाली पद पर
देवेन्द्र आर्य की नियुक्ति कर दी गई है
और उन्हें बधाई देने पर
एक लीटर पेट्रोल का कैश बैग दिया जा रहा है
तो ऐसे में आप क्या करेंगे
कल्पना कीजिए