भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हरिदास / परिचय
Kavita Kosh से
हरिदास कृष्णोपासक सखी संप्रदाय के प्रवर्तक थे, जिसे हरिदासी संप्रदाय भी कहते हैं। इन्हें ललिता सखी का अवतार माना जाता है। इनकी छाप रसिक है। इनके जन्म स्थान और गुरु के विषय में कई मत प्रचलित हैं। हरिदास स्वामी वैेष्णव भक्त थे तथा उच्च कोटि के संगीतज्ञ भी थे। प्रसिध्द गायक तानसेन इनके शिष्य थे। सम्राट अकबर इनके दर्शन करने वृंदावन गए थे। 'केलिमाल में इनके सौ से अधिक पद संग्रहित हैं। इनकी वाणी सरस और भावुक है। ये प्रेमी भक्त थे।