हर कदम एक नया मोड़ नई सूरते-हाल
और हर गाम ही अपना रहा अंदाज़ अलग
मैं नहीं जानता क्या इसका तअस्सुर था मगर
नये माहौल में उभरी मिरी आवाज़ अलग
मैं जो रुसवा हूँ तो हर सू है तिरा भी चर्चा
कौन कहता है कि तेरा-मिरा राज़ अलग।
हर कदम एक नया मोड़ नई सूरते-हाल
और हर गाम ही अपना रहा अंदाज़ अलग
मैं नहीं जानता क्या इसका तअस्सुर था मगर
नये माहौल में उभरी मिरी आवाज़ अलग
मैं जो रुसवा हूँ तो हर सू है तिरा भी चर्चा
कौन कहता है कि तेरा-मिरा राज़ अलग।