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हर कविता / मरीना स्विताएवा
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हर कविता
संतान है प्यार की
विपन्न और अवैध ।
पहली संतान
रेल की पटरी पर
हवाओं के अभिवादन के लिए
छोड़ी हुई ।
हृदय के लिए- नरक और वेदी,
हृदय के लिए- स्वर्ग और अपमान ।
कौन है पिता ? सम्भव है ज़ार,
सम्भव है- ज़ार, सम्भव है चोर ।
रचनाकाल : 14 अगस्त 1918
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह