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हाय-हाय रै जमींदार, मेरा गात चीर दिया सारा / दयाचंद मायना

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हाय-हाय रै जमींदारा, मेरा गात चीर दिया सारा
ईख तेरे पात्तां नै,
तुमसे ज्यादा हम चिरगे, गोरी देख म्हारे हाथां नै...टेक

कदे धूप कदे छां आज्या, हाय जान मरण के मांह आज्या
कदे झाड़ा मैं पां आज्या, दे फोड़ कती लातां नै...
जूड़ा हलाकै जहरी छिड़गे, मुँह पै कई तत्तैये लड़गे
बीर मर्द भीतर नै बड़गे, बचा-बचा गातां नै...

किस्मत आला हर्फ दीखग्या, खतरा चारों तरफ दीखग्या
एक लटकता का सर्प दीखग्या, बचा लिया दाता नै...

सुर गैल सरस्वती वर दे सै, अकल तै मेहनत कर दे सै
‘दयाचन्द’ छनद घर दे सै, चौपड़-चौपड़ बातां नै...