हिम्मत का हो राम हिमाती / दयाचंद मायना
हिम्मत का हो राम हिमाती, हिम्मत मतना हारै
मनुष मति मंद तू...टेक
जै तू हिम्मत हार गया तै हिन्दुस्तान गुलाम रहैगा
गोरां के डंडा के नीचै न्यूहै पिटता चाम रहैगा
हिम्मत मतना हारे बहादुर तेरी मदद म्हं राम रहैगा
धरती और आकाश रहेंगे, जब तक तेरा नाम रहैगा
हिम्मत चीज बड़ी सै क्यूं ना भारत ने उभारै
काट दे फंद तू...
हिम्मत की इमदाद करै हर, सुणों खोल कै कान
हिम्मत हारे हर ना मिलते, न्यू कहते भगवान
हिम्मत के कारण सिद्ध होते हिम्मत बिना बिरान
हिम्मत मतना हारे बन्दे, चाहे चली जा जान
हिम्मत करकै नाम रटे जाओ, बिगड़े काम समारै
भज गोबिंद तू...
अंग्रेजां नै मजा चखादे, जयहिन्द की राखै मेर सै तूं
रफल, तोप और तेग चलाणी, जाणै सब हथफेर सै तूं
चुस्त और चालाक बहादुर, पट्टेबाज दिलेर सै तूं
मरणे का क्यूं फिकर करै सै भारत मां का शेर सै तूं
होज्या नै आजाद पड़ा क्यूं पांह पिंजरे मैं मारे
कैद में बंद तू...
सतगुरु मुंशीराम धोरै सिखणा ब्रह्म ज्ञान चाहिए
ढोलक और हरमूनिया बाजा साथ मैं सामान चाहिए
बोस की कहानी का इब करणा तनै बखान चाहिए
हाथ जोड़ कै लैक्चर रसीली सी जबान चाहिए
नेताजी का प्रचार जगत में करणा चाहिए सारै
घूम दयाचन्द तू...