भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हे भगवान दुनियाँ का टोटा दूर कद होगा / दयाचंद मायना

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हे भगवान दुनियाँ का टोटा दूर कद होगा...टेक

बनड़ा घड़ी साईकिल मांगै, पग ठावै और बांह टांगै
समधी दूणा-दूणा दांगै, हांगै दान दुनिया का
मल्होटा दूर कद होगा...

बेईमाने नै करा पूरा, मित्र बण कै कह उरै आ
मुँह म्हं राम बगल म्हं छुरा, बुरा इन्सान दुनियां का
खोटा दूर कद होगा...

बड़ों के ओछे माड़े कर्म, ल्याज रही ना शर्म
बधावै पाप, घटावै धर्म, भ्रम बेईमान दुनियां का
भरोटा दूर कद होगा...

‘दयाचन्द’ साटा नहीं सट्या, हमेशा गरीबां का गल कट्या
सेठां का कुछ भी नहीं घट्या, फट्यां पहरान दुनियां का
लंगोटा दूर कद होगा...