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हो गयी अंधी है मद में चूर सत्ता / डी. एम. मिश्र

हो गयी अंधी है मद में चूर सत्ता
यूँ कभी देखी न थी बेनूर सत्ता

छान छप्पर तो तुम्हारे पास भी है
बेदख़ल उससे न कर दे क्रूर सत्ता

ये किसी की भी नहीं सुनती यकीनन
बेलगामी हिटलरी मगरूर सत्ता

जो ग़रीबों के न हित की बात करती
वेा हमें बिल्कुल नहीं मंज़ूर सत्ता

क्यों नहीं उसको उड़ा देते हवा में
जो हमारी पहुँच से है दूर सत्ता