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"मंज़िलें आईं तो रस्ते खो गए / इफ़्फ़त ज़रीन" का अवतरण इतिहास

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  • (सद्य | पिछला) 00:43, 1 मई 2013Sharda suman (चर्चा | योगदान). . (843 बाइट) (+843). . ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इफ़्फ़त ज़रीन }} {{KKCatGhazal}} <poem> मंज़िले...' के साथ नया पन्ना बनाया)