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"प्रेम / एम० के० मधु" के अवतरणों में अंतर

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देखता हूं प्रेम
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देखता हूँ प्रेम
 
बसंत की हर सुबह
 
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सरसों के पीले फूलों पर
 
सरसों के पीले फूलों पर
  
सुनता हूं प्रेम
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सुनता हूँ प्रेम
 
हर बारिश में  
 
हर बारिश में  
नन्हीं-नन्हीं बूदों से
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नन्हीं-नन्हीं बूंदों से
  
महसूसता हूं प्रेम
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महसूसता हूँ प्रेम
 
हवाओं के ताल पर
 
हवाओं के ताल पर
 
बिखरते तेरे गेसुओं में
 
बिखरते तेरे गेसुओं में
  
बांटता हूं प्रेम
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बाँटता हूँ प्रेम
 
जीवन में  
 
जीवन में  
आधा मुझे, आधा तुझे।
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आधा मुझे, आधा तुझे ।
 
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22:04, 9 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

देखता हूँ प्रेम
बसंत की हर सुबह
सरसों के पीले फूलों पर

सुनता हूँ प्रेम
हर बारिश में
नन्हीं-नन्हीं बूंदों से

महसूसता हूँ प्रेम
हवाओं के ताल पर
बिखरते तेरे गेसुओं में

बाँटता हूँ प्रेम
जीवन में
आधा मुझे, आधा तुझे ।