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"अब कोई प्यार की पहल तो करे / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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उनकी हरदम करे नक़ल, तो करे | उनकी हरदम करे नक़ल, तो करे | ||
01:55, 10 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
अब कोई प्यार की पहल तो करे
ज़िन्दगी का सवाल हल तो करे
कोई सूरत हो या हो वीरानी
दिल किसी बात पर अमल तो करे
राह आगे की मिल ही जायेगी
उम्र भर की कोई टहल तो करे
शोख़ियाँ, पर वे आइने में कहाँ!
उनकी हरदम करे नक़ल, तो करे
पंखड़ी है गुलाब की बेरंग
छूके होँठों से वह ग़ज़ल तो करे