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"क्या ज़िन्दगी को दीजिये क्या-क्या न दीजिये / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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ढाढ़स है, मन का भेद है, आँचल की है हवा | ढाढ़स है, मन का भेद है, आँचल की है हवा | ||
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हो जाय बेसुरी मेरी साँसों की बाँसुरी | हो जाय बेसुरी मेरी साँसों की बाँसुरी |
01:13, 23 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
क्या ज़िन्दगी को दीजिये क्या-क्या न दीजिये!
सामान मौत का ही इसे ला न दीजिये
बातें बना-बना के फिराते हैं मुँह सभी
सच है, भरम किसीको भी अपना न दीजिये
ढाढ़स है, मन का भेद है, आँचल की है हवा
देने की लाख चीज़ें हैं, धोखा न दीजिये
हो जाय बेसुरी मेरी साँसों की बाँसुरी
इस ज़िन्दगी को दर्द भी इतना न दीजिये
धीरज नहीं, भरोसा नहीं, प्यार भी नहीं
झूठी अब और जीने की आशा न दीजिये
भाती नहीं जो आपको गज़लें गुलाब की
उन पर न कान देना है अच्छा, न दीजिये