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"प्रेम / प्रमोद कौंसवाल" के अवतरणों में अंतर

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मैंने उसे छुआ
 
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उस तरह
 
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उतनी देर
 
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जैसे पत्ते को छूकर
 
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चुपचाप गिर जाए
 
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ओस की एक बूंद
 
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मुझे पता नहीं था
 
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ओस के गिरने के साथ
 
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इस तरह गिर जाना था
 
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पत्ते को भी
 
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09:21, 25 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

मैंने उसे छुआ
उस तरह
उतनी देर
जैसे पत्ते को छूकर
चुपचाप गिर जाए
ओस की एक बूंद

मुझे पता नहीं था
ओस के गिरने के साथ
इस तरह गिर जाना था
पत्ते को भी