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"कनाट प्लेस : एक शाम / रमेश रंजक" के अवतरणों में अंतर
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ज्योतिषी सितारों ने फैला दीं | ज्योतिषी सितारों ने फैला दीं | ||
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फूटी क़िस्मत वाले क्या करें ? | फूटी क़िस्मत वाले क्या करें ? | ||
(जिए या मरें ?) | (जिए या मरें ?) | ||
देह धरे कदली की रात, | देह धरे कदली की रात, | ||
− | + | सड़कों पर घूमती | |
दूध्या उजाले की प्यास | दूध्या उजाले की प्यास | ||
− | + | पंखुरियाँ चूमती | |
मछली-सी झूम-झूलतीं | मछली-सी झूम-झूलतीं | ||
− | + | कुहरे में झालरें | |
महँगी अस्मत वाले कुआ करें ? | महँगी अस्मत वाले कुआ करें ? | ||
(जिए या मरें ?) | (जिए या मरें ?) | ||
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12:49, 24 दिसम्बर 2011 का अवतरण
ज्योतिषी सितारों ने फैला दीं
श्वेत चादरें
फूटी क़िस्मत वाले क्या करें ?
(जिए या मरें ?)
देह धरे कदली की रात,
सड़कों पर घूमती
दूध्या उजाले की प्यास
पंखुरियाँ चूमती
मछली-सी झूम-झूलतीं
कुहरे में झालरें
महँगी अस्मत वाले कुआ करें ?
(जिए या मरें ?)