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"निपट कपट की खान दुकानें खुली खुल गई / शिवदीन राम जोशी" के अवतरणों में अंतर

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निपट कपट की खान दुकानें खुली खुल गई,
 
निपट कपट की खान दुकानें खुली खुल गई,
 
छल बल छाया घोर जोर से गांठ घुल गई।
 
छल बल छाया घोर जोर से गांठ घुल गई।
पप ताप संताप बढावे ढ़ोंगी साधू,
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पाप ताप संताप बढावे ढ़ोंगी साधू,
बजीगर  बन गये दिखावें भैया जादू।
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बाजीगर बन गये दिखावें भैया जादू।
 
शिवदीन बचो इनसे सभी ये हैं पूत कपूत,
 
शिवदीन बचो इनसे सभी ये हैं पूत कपूत,
 
समय पाय खिच जायेगें इनके सगरे सूत।
 
समय पाय खिच जायेगें इनके सगरे सूत।
 
राम गुण गायरे।  
 
राम गुण गायरे।  
 
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20:47, 22 जनवरी 2012 के समय का अवतरण

निपट कपट की खान दुकानें खुली खुल गई,
छल बल छाया घोर जोर से गांठ घुल गई।
पाप ताप संताप बढावे ढ़ोंगी साधू,
बाजीगर बन गये दिखावें भैया जादू।
शिवदीन बचो इनसे सभी ये हैं पूत कपूत,
समय पाय खिच जायेगें इनके सगरे सूत।
राम गुण गायरे।