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"इस तरह हर ग़म भुलाया कीजिये / हसरत जयपुरी" के अवतरणों में अंतर
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− | छोड़ भी दीजिये तकल्लुफ़ शेख़ जी | + | छोड़ भी दीजिये तकल्लुफ़ शेख़ जी |
− | जब भी आयें पी के जाया कीजिये | + | जब भी आयें पी के जाया कीजिये |
− | ज़िंदगी भर फिर न उतेरेगा नशा | + | ज़िंदगी भर फिर न उतेरेगा नशा |
− | इन शराबों में नहाया कीजिये | + | इन शराबों में नहाया कीजिये |
− | ऐ हसीनों ये गुज़ारिश है मेरी | + | ऐ हसीनों ये गुज़ारिश है मेरी |
− | अपने हाथों से पिलाया कीजिये | + | अपने हाथों से पिलाया कीजिये |
12:05, 20 अप्रैल 2012 का अवतरण
इस तरह हर ग़म भुलाया कीजि
रोज़ मैख़ाने में आया कीजिये
छोड़ भी दीजिये तकल्लुफ़ शेख़ जी
जब भी आयें पी के जाया कीजिये
ज़िंदगी भर फिर न उतेरेगा नशा
इन शराबों में नहाया कीजिये
ऐ हसीनों ये गुज़ारिश है मेरी
अपने हाथों से पिलाया कीजिये