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"सुर्ख़ हथेलियाँ / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
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− | पहली बार मैंने देखा । | + | इस तरह आँसुओं को |
+ | स्वप्न बनते - | ||
+ | पहली बार मैंने देखा । |
11:17, 15 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
पहली बार
मैंने देखा
भौंरे को कमल में
बदलते हुए,
फिर कमल को बदलते
नीले जल में,
फिर नीले जल को
असंख्य श्वेत पक्षियों में,
फिर श्वेत पक्षियों को बदलते
सुर्ख़ आकाश में,
फिर आकाश को बदलते
तुम्हारी हथेलियों में,
और मेरी आँखें बन्द करते
इस तरह आँसुओं को
स्वप्न बनते -
पहली बार मैंने देखा ।